Tuesday, October 29, 2013

love

समस्त भाव में सबसे महत्वपूर्ण भाव है प्रेम का, होना भी चाहिए सभी एक ही जीवन स्रोत से आयें हैं सभी  की  एक ही खोज है । प्रेम  ही वो झरना है जिसकी धारा हमारे हृदय  से बह  है और हमारी जड़ो को सींच रही वरना हम दिमाग तक ही सीमित रह जाते । दिमाग है शोषक और ह्रदय है पोषक ।जितना व्यक्ति हृदय  से जुड़ा रहता है उतना...
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unconditional love

संसार में केवल एक ही रिश्ता है वो है माँ बेटे का ,जो भी रिश्ता अपनी चरम अवस्था पर पहुँचता है वो माँ बेटे का ही हो जाता है यहाँ तक कि जो पति पत्नी आपस में बहुत प्यार करतें हैं और प्यार कि इस उचांई को छूते हैं वे भी माँ बेटे जैसे हो जाते है इस को ही बे शर्त प्यार(unconditional love ) कहतें हैं । हमारे ऋषि आशीर्वाद देते है .. पुत्रवती...
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Monday, October 28, 2013

yog

अष्टांग योग, सहज योग प्रेम योग या भक्ति योग ये सारे ही अलग अलग मार्ग है उस परम तत्व को पाने के लिए पर सब एक दूसरे के पूरक भी हैं । एक घटता है जब, तब दूसरा अपने आप ही घट जाता है अष्टांग योग में हम शरीर को बाह्य क्रिया से शुद्ध करते हैं | शरीर शुद्ध तो विचार भी शुद्ध हो जाते हैं | सहज योग में हम बुद्धि के द्वारा विचार को शुद्ध करते...
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Sunday, October 27, 2013

sin

पाप पुण्य  का हिसाब परमात्मा नहीं रखता उसके पास इतनी फुरसत  ही नहीं कि वो  एक एक मनुष्य का लेखा  जोखा रखे  । उसके लिए पापी और पुण्यात्मा एक बराबर हैं दोनों के लिए एक सा ही प्यार बरस रहा है यदि वही भेद करने लगा तो काहे का परमात्मा हुआ । अपने पाप और पुण्य  का हिसाब   हम ही स्वयं रखतें है । जब हम कोई...
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माँ की ममता /mother's love

बांहें फैलाती, मुझको उठाती, सीने से अपने लगाती - वो माँ थी लोरी सुनाती, सर थपथपाती, मुझे नींद में चूम जाती - वो माँ थी । बचपन का मेरे वोही आसमां थी , आँचल था उस का चमन सा मैं उसकी बगिया का फूल प्यारा ,चन्दा था उस के गगन का हर शाम छत से, चन्दा दिखाती, माथे पे टीका लगाती- वो माँ थी लोरी सुनाती, सर थपथपाती, मुझे नींद में चूम जाती -...
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Saturday, October 26, 2013

sun

सूरज बोला एक दिन पापा से मुझको भी चाहिए एक छुट्टी । चंदा को तो  मिलती पूरी एक छुट्टी महीने में एक ही दिन आता है वो पूराबाकी दिन आता है आधा पौना  और चौथाई मेरी नहीं है कोई भी छुट्टी पापा बोले सुन बेटा अगर तू लेगा छुट्टी तो हो जाएगी सब की   छुट्टी                             ...
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Friday, October 25, 2013

infinity

कहीं तो ऐसा आयाम हो जिसमे जाकर मैं खो जाऊं न समय का आभास हो बस अनंत का विस्तार हो चाहे हम जी लें कितने साल जीतें हैं सिर्फ चौबीस घंटे बंधे बंधाएं समय में यूँ ही गुज़र जाता सारा जीवन अंत समय हाथ में  लगतें हमारें सिर्फ चौबीस घंटे मुझे चाह उस आयाम की  जहाँ हो अनंत से  अनंत का मिलन फिर किसकी मृत्यु कैसी मृत्यु मृत्यु तो कभी...
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god is one

परमात्मा के यहाँ से तो हम सभी बिना लेबल के आतें है संसार में आकर धर्म जाति देश भाषा प्रान्त के लेबल लग जातें हैं। हम इंसान हैं यह लेबल भी, हमारा ही हमें दिया हुआ है ।परमात्मा के यहाँ से तो हम चेतना के अनुसार सृष्टि के प्राणियों से भिन्न हैं। हम में सृष्टि के और प्राणियों से ज्यादा चेतना है ।  पशु पक्षी को तो पता भी नहीं होता कि वे...
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Thursday, October 24, 2013

love

परमात्मा क्या है ? प्रेम की अनंत बूंदों का जोड़ । जब पत्नी अपने पति को प्रेम करती है ,तब बच्चे  उसे अपने पति का पुनर्जन्म मालूम पड़ते हैं । फिर वही शक्ल फिर वही रूप फिर वही निर्दोष आँखें जो उसके पति में छुपी हुईं थीं  फिर से प्रकट हुईं हैं बच्चे को किया गया प्रेम पति को किये गए प्रेम की प्रतिध्वनि है । पति ही फिर से बच्चे के रूप...
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god is here

शिशु तू कितना  सहज व  कितना निश्छल कोरी तेरी आँखें मौन है तेरी भाषा भाव ही भाव हैं तेरे पास उन्मुक्त तेरा हास इसीलिए सब खिचतें तेरे पास पर कुछ दिनों बाद तू भी ऐसा ही हो जायेगा हम जैसा काश तू ऐसा ही रह पाता कोरा और मासूम                            ...
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Wednesday, October 23, 2013

boat

जो डूबा वो पार उतरा और जो किनारे बैठा रहा वो डूब गया वेसे भी तो डूबना ही है तो फिर क्योँ न तुझमें ही डूब जाऊं          -   सीमा आनंदिता...
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dharm

धर्म की एक ही  परिभाषा हो सकती है जिस माहौल में जिस वातावरण  में श्रद्धा सहज ही उत्पन्न होती हो  और संदेह पैदा होना ही मुश्किल हो , पर अभी तो हालत उल्टी है । संदेह सहज है श्रद्धा करीब करीब असंभव है । हम अपनों पर ही श्रद्धा नहीं करते ,मित्र -मित्र पर भरोसा नहीं करता शत्रु की तो बात ही छोडो ,सारे संबंध ही संदेह के हैं ...
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Tuesday, October 22, 2013

canvas

कुछ दिन से यह एहसास हो रहा है जैसे कि सब कुछ कैनवास पर चल रहा है चलते फिरते लोग बनती बिगडती लकीरे हों जो कुछ उभर रही हैं और कुछ छुप रही हैं सब कुछ मिश्रित हो रहा है कुछ नया बन रहा है तो कुछ पुराना खो रहा है फिर भी पहचाना पहचाना  सा लग रहा है                                    ...
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Monday, October 21, 2013

karwa chauth ki badhai

आप सभी को करवा चौथ की हार्दिक बधाई । आज का दिन हर उम्र की स्त्री के लिए विशेष दिन है उस प्रथम दिन की एक बिसरी बिसरी सी मधुर स्मृति आज हर स्त्री की आँखों में सजीव हो उठती है । तो दादी हों या नानी, मामी हों या मौसी,चाची हों या बुआ और दीदी हों या भाभी -आज सब दुल्हन सी सजेंगी । आज चाँद भी भोंचक्का सा रह जायेगा छतों पे इतनी खूबसूरती देख...
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karwa chauth

आप सभी को करवा चौथ की बधाई । वर्ष में एक ही त्यौहार ये ऐसा है जिसमें हर उम्र की स्त्री पूरा श्रृंगार करती है और दुल्हन सा सजने का अपना शौक पूरा करती है । करना ही चाहिए क्यों कि वो दिन भुलाया ही नहीं जा सकता जिस दिन पिया से मिलन हुआ । तो लीजिये श्रृंगार के सब साधन प्रस्तुत हैं :-- चाँद ने हमको दी सौगात पिया मिला जो तेरा साथ , यूँ ही ...
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peace

परमात्मा है महाशांति - वहां मौन ही प्रविष्ट कर सकता है शांति ही उस परम शांति को छू सकती है उस जगत में शोर की आवश्यकता नहीं है । चिल्लाने की आवश्यकता तो हमे इस जगत में पड़ती है क्योँ कि यहाँ पर सभी व्यस्त  हैं परमात्मा तो महा विश्राम में है । इस जगत में लोगों के इतने विचार चल रहें हैं कि जब तक न चिल्लाओं वे नहीं सुनते,जब कि  परमात्मा...
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Sunday, October 20, 2013

dream

अब तो है यही लक्ष्य बस मैं मिलूं तुमसे हर बार अपने बस की बात नहीं पर उम्मीद साथ है मेरे यार।  ख्वाब हो ये या हो ये हकीकत नहीं इनमें कोई अंतर ये सच भी सपने जैसा है चलता यहाँ निरंतर ।                 -----       सीमा आनंदिता...
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dharm

विश्वाश में एक सुरक्षा है हम बनी बनायीं मान्यताओ को मानते चले जातें है । अविश्वाश करने में खतरा है हम अकेले खड़े है हमें अपना रास्ता स्वयं खोजना है इसलिए भीड़ के साथ चलने  में सुविधा  है । सत्य की खोज तभी हो सकती है जब हम असुरक्षित अनुभव करतें हैं एक तरह से मृत्यु से  हो कर गुजरना पड़ता है ,जहाँ सब कुछ अज्ञात है ,मनुष्य सुरक्षित...
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Saturday, October 19, 2013

yashodhra

जीवन नहीं छलावा एक हक़ीकत है यशोधरा से बुद्ध को मिली नसीहत है सत्य अगर है सत्य तो वो हर क्षण में है जीवन के हर पथ में हर कण कण में है । अब प्रश्न कहाँ जीवन के इस-उस पार का घर उपवन नदिया सागर मंझधार का ? वन में ही था सत्य तो वापस आता क्यों ? प्यार यशोधरा का मुझे बुलाता क्यों ? ढूंढ़ रहे गर सत्य तो भटक न जाना तुम अगर कहीं हो दूर तो घर...
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saty narayan ki katha

बोलो सत्य नारायण भगवान  की जय । अब तक न जाने कितनी बार यह कथा हम सब ने सुनी होगी ,पर क्या मुझे कोई ये बताएगा कि सत्यनारायण की कथा आखिर है  क्या ?   क्योंकि अब तक  जो भी  सुनी  वो कथा सुनने न सुनने, प्रसाद  ग्रहण करने और न करने व कथा  बीच में छोड़कर जाने और पूरी कथा सुन ने के परिणाम की कथा है...
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बोलो सत्य नारायण भगवान  की जय । अब तक न जाने कितनी बार यह कथा हम सब ने सुनी होगी ,पर क्या मुझे कोई ये बताएगा कि सत्यनारायण की कथा आखिर है  क्या ?   क्योंकि अब तक  जो भी  सुनी  वो कथा सुनने न सुनने, प्रसाद  ग्रहण करने और न करने व कथा  बीच में छोड़कर जाने और पूरी कथा सुन ने के परिणाम की कथा है...
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state of mind

मन                                                                                                                                            ...
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Friday, October 18, 2013

shashtra

स्वयं के द्वारा किया गया अनुभव ही  स्वयं का शाश्त्र है  । जिसने शास्त्र लिखे वो उनके स्वयं के अनुभव होगें ,उनके अनुभव हमारे अनुभव नहीं हो सकतें,हाँ थोड़ी  सी सूचना जरुर  दे सकतें हैं हमारी स्वयं की  यात्रा  के लिए । शाश्त्रो में लिखा है कि आत्मा अमर हैं यह  सूचना हमें शास्त्र से मिलती है  परन्तु यह...
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Thursday, October 17, 2013

mirror

हमारा चेहरा पहचान है, दूसरो के लिए वे हमें  हमारें  चेहरे  से पहचानतें हैं । हमें अपनी पहचान के लिए दर्पण देखने की आवश्यकता नहीं बल्कि अपने अंदर झाँकने की आवश्यकता है ।                                                       ...
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Wednesday, October 16, 2013

ईद मुबारक दोस्तो, धार्मिक सौहार्द का प्रतीक ये त्यौहार आप सभी के लिए मंगलमय हो  ---Anand Bihari Shrivastava  नींद भरी आँखों में सपनों की डोरी बांध के ले जाएगी सुबह की गोरी इस से पहले कि पूरब की देहरी से निकले पहली किरण मैं आगे बढ़ के सुबह के दरवाजे पे तेरा नाम लिख दूँ इक सलाम लिख दूँ...
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eid mubarak

ईद मुबारक हो ।  भेद भाव  को भूलकर सभी त्योहारों को उल्लास पूर्वक और सौहार्द पूर्वक मनाएं ।  उत्सव है हर क्षण यहाँ नहीं जगह यहाँ मातम की गर हर क्षण ही उत्सव चले तो मरने से कोई क्यूँ डरे                                       ...
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Tuesday, October 15, 2013

rango se judiyen

बच्चों को रंग बिरंगी वस्तुएं बहुत पसंद होती हैं, वे रंग बिरंगे पत्थर एकत्र करतें हैं पर जैसे जैसे बड़े होतें हैं वो उन्हें आकर्षित करना बंद कर देती  हैं ,वे दूसरी  बेरंग वस्तुओं में आनंद  खोजना शुरू कर देतें हैं । प्रकृति ने चारों तरफ इतने सारे रंग बिखेरें हुएं हैं  जो कि हमारे लिए ही हैं । जब हम फिर से उनकी तरफ ...
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Monday, October 14, 2013

आनंदित रहने के लिए अपनी रूचि का कार्य करें|

जिस कार्य को करने में रूचि हो और वही हमारा जीवकोपार्जन का साधन व जीवन निर्वाह के लिए पर्याप्त धन प्राप्त हो जाता हो,तब हम हर समय आनंदित रहते है । अधिक धन का अर्जन भी इसीलिए करते है, ताकि उस धन से आनंद प्राप्त कर सके, पहले तो धन अर्जन में समय लगता है फिर उससे आनंद प्राप्त करने के लिए समय चाहिए जो कि होता नहीं है । यदि हम अपनी रूचि...
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