Monday, November 18, 2013

लक्ष्य तो था कि तुमको पा लूँ मैं पर पाया तुझको तो फिर तुझसे मैं मुक्त हुई फिर मैं लक्ष्य विहीन नहीं होना है मुक्त मुझे मैं तो हूँ तुझसे बंध कर खुश अलग अलग है अस्तित्व हमारा अलग अलग पहचान हमारी तुम तुम हो मैं मैं हूँ नहीं मैं और तुम एक तेरे पास रहूँ मैं पर तुझसे ही मुक्त रहूँ यही है बस प्यार हमारा होकर एक न होगा गुजारा...
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sea

हम बूंदें है उस महासागर की, हर बूंद को पता होना चाहिएं उसका स्वयं का अस्तित्व। बूंद सागर में मिलकर खो नहीं जाती हैं, एक एक बूंद के अस्तित्व से महाअस्तित्व बनता है जिस बूंद को नहीं पता,वो बस सो रही है जब जागेगी तब उसे उसका अस्तित्व वापस मिल जायेगा । जो बूंदें जागी है उनके पास सो रहीं बूंदों का अस्तित्व सुरक्षित है ,जिस...
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bliss

जो व्यक्ति लोगो की आलोचना करतें हैं और जो लोग आलोचना पर ध्यान देतें हैं कि उनके बारे में क्या कहा जा रहा है । दोनों की नजर एक दूसरे के ऊपर टिकी है दोनों ही एक दूसरे को सहारा दे रहे हैं यदि प्रतिक्रिया बंद कर दें तो क्रिया भी बंद हो जायेगी । आलोचक भी शांत हो जाता है दोनों का ही भला होता है दोनों ही बहिर्मुखी हैं, धीरे धीरे...
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consciousness

जब कुछ लोग चेतना के स्तर पर ऊपर उठते हैं तब उसी समय कुछ लोग चेतना के स्तर से नीचे गिरते हैं क्योकि संसार में आक्सीजन की मात्रा सीमित हैं ,जो व्यक्ति ऊपर उठ रहा है वो ज्यादा आक्सीजन ग्रहण कर रहा है और जो नीचे गिर रहा है वो ज्यादा कार्बन ग्रहण कर रहा है । अधिकांश लोग तो मूर्छित अवस्था में जी रहे हैं वे बहुत कम आक्सीजन ग्रहण कर रहें...
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alone

जब संसार से वैराग्य उत्पन्न होता है तब लोग एकांत में चले जाते हैं । उन्हें वहाँ जो आनंद प्राप्त होता है ,वे उसे संसार में बाँटने फिर से भीड़ में आ जाते हैं उनकी करुणा उन्हें संसार में फिर से खींच लाती है ताकि वे बाकी लोगो को भी उसकी अनुभूति करा सकें । सीमा आनंदि...
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religion

धर्म का अर्थ हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई नहीं हैं ये तो मार्ग है उस सत्य तक पहुँचने का । धर्म का अर्थ है स्वभाव जैसे अग्नि का स्वभाव है जलना फूल का स्वभाव है सुगंध वैसे ही मनुष्य का स्वभाव है शांत और निर्विचार। ये सभी मार्ग उसको उसके स्वभाव तक पहुँचाने के लिए सहायक हैं । वस्तुतः तो हमें किसी मार्ग की आवश्यकता नहीं है हम वहीँ ...
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lover

ध्यानी और प्रेमी व्यक्ति कि चाल ढाल उठने बैठने का सलीका बोलने चालने का ढंग बहुत ही सौम्य और शालीन हो जाता है यही है सभ्य व्यक्ति ,जो कि अच्छा लगता है । हम इनकी नक़ल करते हैं । हम यह विचार नहीं करते कि यह सलीका इनमें कैसा आया । हम तो है असहज अंदर से खौल रहे ऊपर से लगा लिया ढक्कन यह है ऊपर से लादा हुआ सभ्य आदमी का चोगा ।हम हैं तो...
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happy family

ध्यान सबके के लिए आवशयक है परन्तु एक स्त्री के लिए अति आवश्यक है क्योंकि वो परिवार का केन्द्र है । वो अपनी ऊर्जा से सारे परिवार को बांध कर रखती है जैसे सूर्य की ऊर्जा के कारण ही बाकी ग्रह उसकी तरफ खिंचे रहते हैं । उसको अतिरिकत ऊर्जा की आवश्यकता है इस ऊर्जा से ही घर का वातावरण सुख, शांतिपूर्ण बना रहता है,जिसके कारण सारे परिवार...
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male female

स्त्री पुरुष एक दूसरे के पूरक भी हैं और अपने आप में परिपूर्ण भी । परन्तु यहाँ बात हो रही है स्त्रीत्व गुण और पुरुषत्व गुण की , बायो लॉजिकल शरीर की नहीं स्त्रीत्व के गुण है प्रेम मय व भाव पूर्ण हृदय और पुरुषत्व के गुण है बुद्धि और तर्क । किसी पुरुष में भी स्त्री के गुण हो सकते है वो प्रेम मय व भाव पूर्ण हो सकता है...
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ramayan

यूँही एक दिन विचार आया कि बाल्मिक ने रामायण पहले ही लिख ली थी परन्तु रामायण की घटना तो बाद में घटी इसका मतलब यह हुआ कि रामायण के सारे पात्र बाल्मिक की रामायण का अभिनय कर रहे थे। हम ऐसा ही अपने जीवन के लिए सोच सकते है कि हमारी कहानी भी पहले ही लिखी जा चुकी हम सिर्फ अभिनय कर रहे हैं तो जीवन बहुत आसान व आनंदपूर्ण हो जायेगा । पर...
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anger

हमारे संत महात्मा कहते हैं कि काम क्रोध मद लोभ ईर्ष्या छोड़ दो, अध्यात्मिक उन्नति व आनंद पूर्ण जीवन जीने में ये बाधक है । यह उनकी करुणा है वे नहीं चाहते कि हम उन विषादों को झेले जो कि उन्होंने झेले हैं । हमें लगता है कि हमें बहुत ही नैतिकता और सदाचार का उपदेश दिया जा रहा है । मैं तो कहती हूँ बिलकुल भी विश्वाश...
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relaxtation

सबसे अनमोल क्षण है विश्राम के । संसार में वही धनवान हैं जो जब चाहे विश्राम कर सकें सबसे गरीब वे लोग जो चाह कर भी विश्राम न कर सके । सीमा आनंदिता...
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feminine

अध्यात्म के मार्ग में स्त्रीत्व गुण रखने वाले लोगो की उन्नति शीघ्र होती है बजाय पुरुषत्व गुण रखने वालो के क्योंकि स्त्रीत्व गुण वाले लोगो में अपेक्षा कृत अहंकार कम होता है उनमे ज्यादा लोच होती है वे ज्यादा तरल होते हैं । उनमे ऊर्जा का प्रवाह निर्बाध होता है । सीमा आनंदिता ...
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wheel

Seema Shrivastava November 15 संसार में हर चीज का रिपीटीशन है| हर चीज जहाँ से शरू होती है फिर वहीं पहुँच जाती है संसार की गति वर्तुल हैं इसे ही संसार चक्र कहते हैं सुबह होती है दिन होता रात होती है फिर सुबह हो जाती है । जन्म होता है बच्चे होते जवान होते बूढ़े होते मृत्यु हो जाती फिर जन्म हो जाता । गर्मी बरसात सर्दी...
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ek onkar satnaam

"एक ओंकार सत नाम, सत श्री अकाल " गुरु नानक के इन वचनो में सारा आध्यात्म समाया हुआ है । जब हम बहुत गहरे विश्राम में होते है तब हमारे प्राण सुषुम्ना नाड़ी में बहते हैं, उस समय यह ओंकार ध्वनि सुनी जा सकती है । परन्तु हम गहरी नींद में होने के कारण यह ध्वनि नहीं सुन पाते हैं । जो लोग गहरे ध्यान में उतरते हैं वे इस ध्वनि को स्पष्ट...
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happiness

नानक ,बुद्ध, कबीर, ईसा मसीह और महावीर जैसे लोग आखिर विशेष क्यों हैं ? इनमे और हममें क्या अंतर है ?क्यों हम इन जैसे या ये हमारे जैसे नहीं हैं ?क्या परमात्मा ने हमारे साथ कोई भेद भाव किया या उनको कुछ विशेष दिया ?जब कि वो परम पिता है और उसके लिए उसकी सब सन्तान बराबर हैऔर यदि वो सबको एक सा प्यार करता है तो फिर एसा क्योँ ?परमात्मा...
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god

परमात्मा बहुत भोला है उसे सिर्फ बढ़ाना ही आता है, वह सिर्फ प्लस ही जानता है, घटाना यानि माइनस नहीं आता है हम ज्यादा होशियार है हमे प्लस माइनस दोनों ही आता है ,हम नकारात्मक सोचते है हम सोचते है कि हम दुखी है तो परमात्मा हमारा दुःख घटाएगा बस यहीं चूक जाते हैं | वह मजबूर हैं ,वह हमारी कोई भी चीज को घटा नहीं सकता । हम जो भी करते...
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Wednesday, November 13, 2013

emotions

हमारे संत महात्मा कहते हैं कि काम क्रोध मद लोभ ईर्ष्या छोड़ दो, अध्यात्मिक उन्नति व आनंद पूर्ण जीवन जीने में ये बाधक है । यह उनकी करुणा है वे नहीं चाहते कि हम उन विषादों को झेले जो कि उन्होंने झेले हैं । हमें लगता है कि हमें बहुत ही नैतिकता और सदाचार का उपदेश दिया जा रहा है । मैं तो कहती हूँ बिलकुल भी विश्वाश मत करो उनकी...
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Monday, November 4, 2013

universe

ब्रह्मांडीय ऊर्जा सबमें बहना चाहती है क्योंकी वही प्राण है .उसके द्वारा ही हम जीवंत है । वह ऐसे लोगो को खोजती है जिनके द्वारा वह पृथ्वी पर अवतरित हो सके व उनके माध्यम से और लोगो तक पहुँच सके, वही हमारा जीवन स्रोत्र है । इसलिए ऐसे लोग जो शांत हैं ध्यान में लीन है भले ही वे कुछ न भी कर रहे हो पर वे बहुत बड़ा कार्य कर रहें हैं...
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Sunday, November 3, 2013

gold

संसार में जो भी चीज कम है वो मूल्यवान है जैसे सोना क्यौंकि कि वो कम लोगो के पास है । जिसके पास है, वो उसकी प्रतिष्ठा का विषय हो जाता है| स्वर्ण को दिया हुआ मूल्य भी हमारा ही दिया हुआ है क्यौंकि कि वो कम है जिसके पास जितना ज्यादा वो उतना ही ज्यादा समाज में विशिष्ट और प्रतिष्ठित हो जाता है इसी लिए सोना मूल्यवान है |कभी ऐसा हो...
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