Friday, September 6, 2013

तुझसे कैसे रहूँगा दूर तू तो है मेरा ही नूर


मुझे बता मैं हूँ कौन
बता मुझे तू क्यूँ है मौन
तेरा मेरा क्या है नाता
बता सामने क्यूँ नहीं आता ?

मैंने तुझको देखा नहीं ,क्या तूने मुझको देखा है ?
पहचानूंगी कैसे तुझको कोई नाम भी तूने रक्खा है ?
तू कहाँ पे रहता है और तू कैसा दिखता है ?
पूछ पूछ के थक गयी मैं क्यूँ तू छुपता फिरता है ?

मुझे मेरी पहचान बता
अब तू मेरे सामने आ
मुझसे न तू नज़र चुरा
मुझे मेरा दीदार करा

"मैं नहीं छुपा कहीं मैं तो हूँ बस अभी यहीं
तू ने ही आँखें मूंदी हैं जो मैं तुझको दिखा नहीं
तुझको नहीं है ये आभास मैं तो सदा ही तेरे पास
तुझमें मुझमें कोई न भेद हम हमेशा से हैं एक


तुझसे कैसे रहूँगा दूर तू तो है मेरा ही नूर
तू मुझमें मैं तुझमें हूँ कोई किसी से नहीं है दूर "

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