जब संसार से वैराग्य उत्पन्न होता है तब लोग एकांत में चले जाते हैं । उन्हें वहाँ जो आनंद प्राप्त होता है ,वे उसे संसार में बाँटने फिर से भीड़ में आ जाते हैं उनकी करुणा उन्हें संसार में फिर से खींच लाती है ताकि वे बाकी लोगो को भी उसकी अनुभूति करा सकें ।
सीमा आनंदिता
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