संसार
में जो भी चीज कम है वो मूल्यवान है जैसे सोना क्यौंकि कि वो कम लोगो के
पास है । जिसके पास है, वो उसकी प्रतिष्ठा का विषय हो जाता है| स्वर्ण को
दिया हुआ मूल्य भी हमारा ही दिया हुआ है क्यौंकि कि वो कम है जिसके पास
जितना ज्यादा वो उतना ही ज्यादा समाज में
विशिष्ट और प्रतिष्ठित हो जाता है इसी लिए सोना मूल्यवान है |कभी ऐसा हो कि
पीतल कम हो जाएँ सोना ज्यादा हो जाएँ तब लोग पीतल को मूल्य देने लगेगें
पीतल मूल्यवान हो जायेगा । बच्चे सबसे ज्यादा सहज और प्रकृति से जुड़े होते
हैं उनके सामने रंग बिरंगे पत्थर रख दो व सोना वो पत्थर उठाएगें न कि सोना
। इसी लिए सोना प्राकृतिक रूप से सौंदर्य को बढ़ाने वाला नहीं है रंग
बिरंगे मोती के आभूषण ज्यादा सुन्दर लगतें हैं । पर लोगो को समाज में अपनी
प्रतिष्ठा दिखानी है तो कैसे दिखाएँ पुरुष तो गहने पहनते नहीं सो
स्त्रियों गहने से लद जाती हैं इससे समाज में शान और हैसियत बढ़ती है एक
तरह से वो अपने धन का प्रदर्शन कर रहें है । इसके लिए हमारे देश को भारी
कीमत चुकानी पड़ती है सोने की पूरी खपत का अधिकांश भाग हमें विदेशो सेआयात
करना पड़ता है जिस कारण देश के ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है । अगर हम
स्वर्ण का लालच छोड़ दे तो ये हमारा देश प्रेम व सच्चे मायनों में हमारी देश
भक्ति होगी । -
-- -सीमा आनंदिता
-- -सीमा आनंदिता
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