परमात्मा
बहुत भोला है उसे सिर्फ बढ़ाना ही आता है, वह सिर्फ प्लस ही जानता है,
घटाना यानि माइनस नहीं आता है हम ज्यादा होशियार है हमे प्लस माइनस दोनों
ही आता है ,हम नकारात्मक सोचते है हम सोचते है कि हम दुखी है तो परमात्मा
हमारा दुःख घटाएगा बस यहीं चूक जाते हैं |
वह मजबूर हैं ,वह हमारी कोई भी चीज को घटा नहीं सकता । हम जो भी करते
हैं परमात्मा उसको बढ़ा देता है हम दुखी है तो दुःख बढ़ा देता है हम
आनन्दित हैं तो आनंद बढ़ा देता है । न वो हमारा सुख घटा सकता हैं न ही
दुःख घटा सकता है क्योकि उसको माइनस करना नहीं आता है इसलिए हम जीवन में
जो भी बढ़ाना चाहते हैं वही सोचें परमात्मा अपना कार्य करेगा बढ़ाने का ।
- सीमा आनंदिता
- सीमा आनंदिता
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