जब
कुछ लोग चेतना के स्तर पर ऊपर उठते हैं तब उसी समय कुछ लोग चेतना के स्तर
से नीचे गिरते हैं क्योकि संसार में आक्सीजन की मात्रा सीमित हैं ,जो
व्यक्ति ऊपर उठ रहा है वो ज्यादा आक्सीजन ग्रहण कर रहा है और जो नीचे गिर
रहा है वो ज्यादा कार्बन ग्रहण कर रहा है । अधिकांश लोग तो मूर्छित अवस्था
में जी रहे हैं वे बहुत कम आक्सीजन ग्रहण कर रहें हैं इसलिए इस युग में जो
भी व्यक्ति जरा सा भी प्रयत्न करता है ऊपर उठने
का तो बहुत ही शीघ्र उसकी उन्नति होती है । जागरण के लिए आक्सीजन चाहिए
और सोने के लिए कार्बन । एक स्थिति ऐसी भी आती हैं जब पूरा शरीर
डीटॉक्सीफाई हो जाता है तब सांस बहुत धीमी हो जाती है यही समाधि की अवस्था
है यही पूर्ण जागरण भी है तब बहुत ही कम आक्सीजन की जरूरत होती है बिलकुल
न के बराबर |
सीमा आनंदिता
सीमा आनंदिता
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