ईद मुबारक दोस्तो, धार्मिक सौहार्द का प्रतीक ये त्यौहार आप सभी के लिए मंगलमय हो
---Anand Bihari Shrivastava
नींद भरी आँखों में सपनों की डोरी
बांध के ले जाएगी सुबह की गोरी
इस से पहले कि पूरब की देहरी से निकले पहली किरण
मैं आगे बढ़ के सुबह के दरवाजे पे तेरा नाम लिख दूँ
इक सलाम लिख दूँ
भंवरो जाओ न्योत आओ तुम सभी बाग़ की खिलती कलियों को
आके देखें वो खुलती पलकों में आँखों की इन हसीं बंद गलियों को
रात भर की थकी प्यार की भूखी प्यासी प्यासी पवन
मैं इन हसीं आँखों के मस्त भीगे किनारों पर एक जाम रख दूँ
तेरे नाम रख दूँ
ऐ बहारो, यूँ संवारो, तुम मेरी आँखों के सारे सपनो को
देख कर जिनको रश्क हो जाए गैरों को ही नहीं मेरे अपनों को
बन के दुल्हन मेरे मुस्कुराती सी आ जाओ जो तुम
तेरे रूप के बदले मैं तो आराम सारी दुनिया के नीलाम कर दूँ
सरे आम कर दूँ
--आनन्द बिहारी
--आनन्द बिहारी
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