Thursday, October 24, 2013

love

परमात्मा क्या है ? प्रेम की अनंत बूंदों का जोड़ । जब पत्नी अपने पति को प्रेम करती है ,तब बच्चे  उसे अपने पति का पुनर्जन्म मालूम पड़ते हैं । फिर वही शक्ल फिर वही रूप फिर वही निर्दोष आँखें जो उसके पति में छुपी हुईं थीं  फिर से प्रकट हुईं हैं बच्चे को किया गया प्रेम पति को किये गए प्रेम की प्रतिध्वनि है । पति ही फिर से बच्चे के रूप में पवित्र और नया हो कर लौट आया है ।  जब पति अपनी पत्नी को प्रेम करता है तो पत्नी भी उसे परमात्मा दिखाई देती है । बच्चा उस पत्नी का ही लौटता हुआ रूप है । पत्नी को जब पहली दफा देखा था ,तब वो जैसी निर्दोष थी ,तब वो जैसी शांत थी तब वो जैसी सुदर थी, तब उसकी आँखें जैसे झील के तरह थीं । इन बच्चो में फिर वही आँखें लौट के आयीं हैं। इन बच्चों में फिर उसकी पत्नी चेहरा लौट आया है ।  ये बच्चे फिर उसकी छवि में नए होकर आ गए हैं । जैसे पिछले वसंत में फूल खिले थे जैसे पिछले वसंत में पत्ते आये थे । फिर साल बीत गया ।पुराने  पत्ते गिर गए हैं । फिर नयी कोंपले निकल आईं,फिर नए पत्तों से वृक्ष भर गया । फिर लौट आया वसंत । फिर सब नया हो गया है  । जीवन निरंतर लौट रहा है ,निरंतर पुनर्जन्म चल रहा है ।
                                                             osho

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