जिस कार्य को करने में रूचि हो और वही हमारा जीवकोपार्जन का साधन व जीवन निर्वाह के लिए पर्याप्त धन प्राप्त हो जाता हो,तब हम हर समय आनंदित रहते है । अधिक धन का अर्जन भी इसीलिए करते है, ताकि उस धन से आनंद प्राप्त कर सके, पहले तो धन अर्जन में समय लगता है फिर उससे आनंद प्राप्त करने के लिए समय चाहिए जो कि होता नहीं है । यदि हम अपनी रूचि का कार्य करें तो फिर हमें अलग से मनोरंजन के साधन खोजने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।
--सीमा आनंदिता
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