Sunday, October 20, 2013

dream

अब तो है यही लक्ष्य
बस मैं मिलूं तुमसे हर बार
अपने बस की बात नहीं पर
उम्मीद साथ है मेरे यार।
 ख्वाब हो ये या हो ये हकीकत
नहीं इनमें कोई अंतर
ये सच भी सपने जैसा है
चलता यहाँ निरंतर ।
                -----       सीमा आनंदिता

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