अब तो है यही लक्ष्य
बस मैं मिलूं तुमसे हर बार
अपने बस की बात नहीं पर
उम्मीद साथ है मेरे यार।
ख्वाब हो ये या हो ये हकीकत
नहीं इनमें कोई अंतर
ये सच भी सपने जैसा है
चलता यहाँ निरंतर ।
----- सीमा आनंदिता
बस मैं मिलूं तुमसे हर बार
अपने बस की बात नहीं पर
उम्मीद साथ है मेरे यार।
ख्वाब हो ये या हो ये हकीकत
नहीं इनमें कोई अंतर
ये सच भी सपने जैसा है
चलता यहाँ निरंतर ।
----- सीमा आनंदिता
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