Monday, October 21, 2013

karwa chauth ki badhai

आप सभी को करवा चौथ की हार्दिक बधाई । आज का दिन हर उम्र की स्त्री के लिए विशेष दिन है
उस प्रथम दिन की एक बिसरी बिसरी सी मधुर स्मृति आज हर स्त्री की आँखों में सजीव हो उठती है ।
तो दादी हों या नानी, मामी हों या मौसी,चाची हों या बुआ और दीदी हों या भाभी -आज सब दुल्हन सी सजेंगी ।
आज चाँद भी भोंचक्का सा रह जायेगा छतों पे इतनी खूबसूरती देख कर :--

चन्दा मेरे लिए थोड़ा  रुक जाना
मेरे पिया जो घर आ जाएँ
आकर सीने से लग जाएँ
तब बादल में कहीं छुप जाना
चन्दा मेरे लिए थोड़ा  रुक जाना


है इंतज़ार मुझे शाम से ही उनका
रूठे तो नहीं यही सोचे मोरा  मनवा
तू तो है मेरा हमजोली ,संग संग खेली आँख मिचौली
अब तू ही बुला के उन्हें लाना , चन्दा .........


आयेंगे देर से जो आज मेरे सैंयाँ ,
कह दूंगी उन से जो पकड़ेंगे वैयां
आगे हाथ मेरे तुम जोड़ो ,देर से आना बिलकुल छोडो
मेरी हाँ में ही तुम हाँ मिलाना ,  चन्दा ......


तू तो जाने है मैंने सारा जीवन अपना ,
आँखों में पाला है ये प्यारा प्यारा सपना
मेरी मांग भरे सिन्दूरी , उन से रहे न कोई दूरी
आज तुम  ही उन्हें ये बतलाना , चन्दा .......


आते ही खोलूँगी मैं बाँहों की किवरिया ,
कर लूंगी बंद उनमें अपना सांवरिया
चले दूर कहीं तब जाना , सारी रात इधर न आना
रुक जाना न करके बहाना , चन्दा.........


चन्दा मेरे लिए थोड़ा रुक जाना ...


                                                 --------आनन्द बिहारी


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